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आध्यात्मिक विचार - 15-11-2014
मनुष्य कर्म करने मे सदैव स्वतंत्र होता है, जो व्यक्ति किसी के कर्म में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, और किसी के हस्तक्षेप करने पर विचलित नहीं होते हैं, ऎसे व्यक्ति बुद्धिमानों में श्रेष्ठ होते हैं।
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